मस्तिष्क में अनियमित कोशिकाओं का समूह ट्यूमर कहलाता है। ऐसी स्थिति में मस्तिष्क के किसी भी लोब में असामान्य कोशिकाएं हो सकती हैं। ब्रेन ट्यूमर कैंसर से उत्पन्न हो सकते हैं या नहीं। ट्यूमर तेजी से विकसित होते हैं, लेकिन दूसरे धीरे-धीरे विकसित होते हैं। ट्यूमर के विस्तार से स्कैल्प के भीतर दबाव बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति घातक हो सकती है और आपके मस्तिष्क और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती है।
ब्रेन कैंसर और ब्रेन ट्यूमर: पहला मस्तिष्क से शुरू होकर फैलता है, उसे प्राइमरी मस्तिष्क ट्यूमर (ब्रेन ट्यूमर) कहते हैं। यह जरूरी नहीं है कि हर ब्रेन ट्यूमर ब्रेन कैंसर होता है या नहीं। लेकिन सेकेंड्री ब्रेन ट्यूमर या मेटास्टेटिक ब्रेन कैंसर होता है जब कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों से शुरू होकर ब्रेन में फैलता है।
ब्रेन ट्यूमर के प्रकार (Know what is brain tumor in Hindi)
ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं:-
कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर
क्या आप जानना चाहते है कि ब्रेन कैंसर का विकास कैसे होता है? मस्तिष्क के प्राइमरी ट्यूमर, कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर हैं। यह ट्यूमर मस्तिष्क से शुरू होकर धीरे-धीरे शरीर के अन्य भागों में फैलता है। इलाज के बाद भी ऐसा हो सकता है।
बिना कैंसर वाले ब्रेन ट्यूमर
इस तरह के ट्यूमर धीरे-धीरे विकसित होते हैं। इलाज के बिना कैंसर वाले ट्यूमर में दोबारा होने की संभावना बहुत कम होती है।
ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
ब्रेन ट्यूमर के कुछ आम लक्षण हैं:
- सिर में बार-बार दर्द होना
- सिरदर्द का धीरे-धीरे बढ़ना
- धुंधली दृष्टी
- सीजर्स
- दूर दृष्टी कमजोर होना
- शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस
- नींद में कमी
- दैनिक गतिविधियों में बदलाव होना
- सुस्ती व थकान
- सोचने-समझने की क्षमता में कमी
- उल्टी होना
- व्यक्तित्व में परिवर्तन
ब्रेन ट्यूमर के कारण
क्या आप जानते हैं ब्रेन ट्यूमर क्यों होता है और इसके खतरे वाले कारक क्या हैं? हालाँकि इसके मुख्य कारणों को अभी तक पता नहीं लगाया गया है, लेकिन इसे बढ़ाने वाले जोखिम कारकों का पता लगाया गया है, जैसे रेडिएशन के दुष्प्रभाव, पारिवारिक कैंसर का इतिहास, एचआईवी एड्स और अन्य।
रेडिएशन के दुष्प्रभाव
ब्रेन ट्यूमर का खतरा किसी व्यक्ति के लिए आयोनाइजिंग रेडिएशन से बढ़ सकता है। यह रेडिएशन कैंसर थेरेपी के दौरान आपके संपर्क में आ सकता है। ब्रेन ट्यूमर का खतरा इससे बढ़ सकता है।
पारिवारिक इतिहास
यदि आपके परिवार में पहले किसी भी व्यक्ति को कैंसर संबंधी समस्याएं रह चुकी है, तो यह निश्चित है कि आने वाले समय में आप भी कैंसर की चपेट में आ सकते है।
एचआईवी/एड्स
एचआईवी-एड्स से पीड़ित होने पर ब्रेन ट्यूमर की संभावना आपमें अधिक है।
पहले से कैंसर का होना
कैंसर से ग्रस्त बच्चों में बाद में ब्रेन ट्यूमर होने की अधिक संभावना होती है। साथ ही, ल्यूकेमिया वाले वयस्कों में इसकी संभावना अधिक होती है।
ब्रेन ट्यूमर का इलाज
ब्रेन ट्यूमर का उपचार संभव है? यदि समय से पता चल जाए तो इसका उपचार संभव है, लेकिन कई कारक इसे प्रभावित करते हैं। जैसे ट्यूमर का प्रकार, मस्तिष्क में उसकी जगह, आकार, साइज और कोशिकाओं की असामान्यता, आदि। यह डॉक्टर ब्रेन ट्यूमर का सही उपचार निर्धारित करता है। ब्रेन ट्यूमर से बचने के कुछ उपाय या उपचार हैं:
रेडिएशन थेरेपी
रेडिएशन थेरेपी में ट्यूमर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए बहुत अधिक एनर्जी का प्रयोग किया जाता है। यह थेरेपी बाहर से दी जा सकती है। यह थेरेपी कभी-कभी शरीर के अंदर आपके ट्यूमर के पास की जा सकती है।
सर्जरी
यदि ब्रेन में ट्यूमर ऐसे स्थान पर है जहां से उसे निकालना मुश्किल है, तो सर्जन ऑपरेशन के दौरान उसे पूरी तरह से निकालने की कोशिश करते हैं। इसके कुछ भाग को भी हटाने से लक्षण कम हो सकता है।
कीमोथेरेपी
ट्यूमर कोशिकाओं को कीमोथेरेपी में नष्ट करने के लिए दवाएं गोली के रूप में या ब्लड वेसल्स में इंजेक्शन के माध्यम से दी जा सकती हैं। इसमें कैंसर के साइज और प्रकार के अनुसार कई दवाएं उपलब्ध हैं।
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